सिंचाई विभाग, उत्तराखण्ड के द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में संक्षिप्त टिप्पणी
सिंचाई विभाग प्राचीनतम विभाग है तथा विगत 80 वर्षों से अपने विभाग की सिंचाई योजनाओं के साथ-साथ जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण, अनुसन्धान कार्य, परिकल्पन, भवनों के निर्माण, सड़कों के निर्माण के साथ-साथ पुलों के निर्माण का कार्य करता आ रहा है, जिसमें विभाग को विशेषज्ञता प्राप्त है। वर्तमान में सिंचाई विभाग के अधिकतर खण्ड कार्यदायी संस्थाओं के रूप में निम्नलिखित आवंटित कार्य किये गये/कराये जा रहे हैं-
 |
टिहरी बांध के पुनर्वास सम्बन्धी कार्य। |
 |
कुम्भ मेला कार्य। |
 |
पुलिस विभागों के आवासों का निर्माण। |
 |
मत्स्य पालन हेतु जलाशयों का निर्माण। |
 |
सी0आर0सी0 कार्यालय भवन का निर्माण। |
 |
विधायक एवं सांसद निधि के विभिन्न कार्य। |
 |
पर्यटन विभाग के पार्क सौन्दर्यकरण, सड़क निर्माण एवं स्नान घाट निर्माण कार्य। |
 |
चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य। |
 |
विधान सभा भवन में अग्निशमन हेतु पानी के टैंक, भवन का निर्माण कार्य। |
 |
राज्य सम्पत्ति के आवासों का निर्माण कार्य। |
 |
उरेड़ा पार्क, पटेल नगर का निर्माण कार्य। |
 |
झील विकास प्राधिकरण, नैनीताल में झीलों के सौन्दर्यकरण का कार्य। |
 |
उत्तराखण्ड निवास, नई दिल्ली में विविध कार्य। |
 |
रमसा के अन्तर्गत शिक्षा विभाग के कार्य। |
निक्षेप मद में कराये गये निर्माण कार्य
वर्तमान में चार मुख्य अभियन्ता (स्तर-2) के अन्तर्गत राज्य के प्रत्येक जनपद में मण्डल एवं खण्डीय कार्यालय कार्यरत हैं। सिंचाई विभाग का प्रत्येक खण्ड रूपये 20.00 करोड़ के कार्य कराने की क्षमता रखता है। कुल प्रखण्ड 68 के सापेक्ष 68 प्रखण्ड कार्यशील हैं। वित्तीय वर्ष 2007-08 में रूपये 9951.49 लाख, 2008-09 में रूपये 8384.07 लाख तथा 2009-10 में रूपये 7174.49 लाख के कार्य सम्पन्न किये गये हैं।
सिंचाई विभाग की तकनीकी क्षमता, गुणवत्ता एवं समयावधि में कार्यो को पूर्ण करने की विशेषता को मध्यनजर रखते हुए विभिन्न विभागों के औसतन रूपये 8500.00 लाख प्रतिवर्ष की धनराशि के कार्य निक्षेप मद के अन्तर्गत कराये जाते हैं। यह भी अवगतनीय है कि सिंचाई विभाग में सिविल इन्जीनियरिंग में स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधि धारी अभियन्तागण कार्यरत हैं, जिन्हें निर्माण कार्यों सम्बन्धी तकनीकी दक्षता भी प्राप्त है।
|